अगर आपने भी कभी सच्चा प्यार किया है और उसका दर्द सहा है, तो ये शायरियाँ सिर्फ आपके लिए हैं।
1.
वो लम्हा जब तू सामने था, फिर भी दूर था,
दिल धड़क रहा था, पर तन्हा जरूर था।
तेरी मुस्कान में भी थी एक चुप्पी सी,
जो कह रही थी – अब रिश्ता अधूरा था।
2.
आँखों में बसी थी जो तस्वीर तेरी,
वक़्त ने उसे भी धुंधला कर दिया।
जिसे समझा था ज़िन्दगी का सफ़र,
उसी ने रास्ते में अकेला छोड़ दिया।
3.
तेरे वादों पर खुद को सौंप दिया था,
तूने ही हर वादा हवा कर दिया।
हमने तो चाहा तुझमें खुद को पाना,
तूने ही हमें अजनबी कर दिया।
4.
वो जो रोज़ कहा करते थे कि साथ रहेंगे,
आज उनकी यादें भी सवाल करती हैं।
हमने जिसे माना था अपनी दुनिया,
वही हमें बेगाना कर गई हैं।
5.
साँसों में अब भी वो खुशबू है तेरी,
मगर वो एहसास अब पुराना हो गया।
जिसे देखा करते थे हम आँखों से,
आज वही चेहरा बेगाना हो गया।
6.
मुस्कुराकर भी हम दर्द छुपाते रहे,
तेरी याद में खुद को जलाते रहे।
तू कहता रहा ‘सब ठीक है यहाँ’,
हम हर रोज़ टूट कर भी मुस्काते रहे।
7.
वो खामोशी जिसमें सुकून हुआ करता था,
अब वही खामोशी दिल को चीरती है।
तेरी बातें तो अब भी हवा में हैं,
मगर अब तेरी आवाज़ नहीं मिलती है।
8.
कभी पास आकर पूछा था, ‘तकलीफ़ है क्या?’
आज दूर जाकर वजह वही बन गए।
हम जिनसे राहत की उम्मीद रखते थे,
वो ही हर दर्द का सबब बन गए।
9.
तेरे इश्क़ ने ये हाल कर दिया,
के खुद से भी रिश्ता छूट गया।
तू जीता रहा अपनी दुनिया में,
और हम हर रोज़ तन्हा टूट गया।
10.
दिल में बसी वो अधूरी सी दास्तां है,
जो हर रात मेरी नींदें चुरा लेती है।
तेरे ना होने की आदत सी पड़ गई है,
पर तेरी कमी हर रोज़ रुला देती है।
11.
तू चाहता तो मेरा हो सकता था,
मैंने तो खुद को तेरे हवाले किया था।
तेरी ख़ामोशी ने जवाब दे दिया,
कि इश्क़ सिर्फ मेरा एकतरफा था।
12.
हर सवाल का जवाब था तू कभी,
आज हर जवाब में सवाल बन गया है।
हम तुझमें सुकून ढूँढा करते थे,
तू तो हमारी बेचैनी की वजह बन गया है।
13.
तू चला गया तो सब सूना-सूना है,
तेरे बिना हर पल अधूरा सा है।
जो पहले मुस्कराहट थी होठों पर,
वो अब दर्द बनकर ठहरा सा है।
14.
वो मोहब्बत जो तेरे नाम की थी,
अब तुझसे ही डर लगने लगा है।
जिसे इबादत समझा हमने,
आज वही रिश्ता बोझ लगने लगा है।
15.
वक़्त के साथ चलना तो सीख लिया,
पर तुझे भुलाना अब भी मुमकिन नहीं।
तेरी यादें अब भी साथ चलती हैं,
जैसे साया जिसे छोड़ना मुमकिन नहीं।
16.
तेरे लफ्ज़ों में जो मिठास थी कभी,
अब वही दिल में जहर घोलती है।
तू कहता था ‘हमेशा साथ हूँ’,
अब तेरी खामोशी ही हमें तोड़ती है।
17.
तेरे जाने का ग़म नहीं था इतना,
जितना तेरे बदल जाने का हुआ।
मुझे तेरे बिना जीना आता है,
पर तेरे बिना मुस्कराना नहीं हुआ।
18.
खुद को खोकर तुझे चाहा था,
तेरी हर कमी को अपनाया था।
तूने तो बस खेल समझा इश्क़ को,
और हमने हर जख्म को सजाया था।
19.
कभी चाँदनी रातों में तेरा नाम लिया,
अब हर अंधेरे में तुझे याद किया।
तेरा साथ था तो ज़िन्दगी सजी सी थी,
अब तो बस तन्हाई ने दिल को पीस लिया।
20.
तेरे बिना भी जीने की आदत डाल ली,
तेरी यादों से समझौता कर लिया।
मगर दिल है कि हर बार टूटता है,
जब तेरा नाम किसी और से जुड़ता है।
21.
हमने तुझसे खुद को भी ज्यादा चाहा,
तूने हमें गैर समझ लिया।
जिस दिल में तेरा नाम बसाया था,
उसी दिल को तूने दर्द समझ लिया।
22.
ना शिकवा रहा, ना कोई शिकायत की,
तेरे जाने की बस तासीर बसी रह गई।
जिसे सुकून समझते थे तेरे पास,
अब वो तन्हाई की तस्वीर बन गई।
23.
तेरा साथ था तो हर दर्द आसान था,
अब तो हर खुशी भी अधूरी लगती है।
तू कहता था ‘हमेशा रहूंगा पास’,
अब वो आवाज़ भी झूठी लगती है।
24.
तेरी जुदाई ने इतना सिखा दिया,
कि अब कोई अपना सा लगता ही नहीं।
जो दिल तुझ पर ही थम गया था,
अब धड़कता है तो भी जीता नहीं।
25.
तू आज भी कहीं जिंदा है मुझमें,
हर साँस में तेरा एहसास है।
जिसे कहा था ‘खुदा से भी बढ़कर’,
अब वही ज़िन्दगी का अफ़सोस है।
26.
तेरे लौट आने की उम्मीद अब भी बाकी है,
हर दरवाज़ा उसी ख्वाब पे खुलता है।
लोग कहते हैं ‘आगे बढ़ो ज़िन्दगी में’,
पर दिल अब भी तुझसे ही धड़कता है।
27.
तेरे बिना भी सब कुछ है मेरे पास,
पर तुझसे बढ़कर कुछ नहीं लगता।
जो खुशियाँ पहले बेवजह मिलती थीं,
अब वो हर मुस्कान से डर लगता।
28.
खुदा से शिकायत नहीं तेरे लिए,
क्योंकि तुझसे मिला भी उसी के नाम पर।
पर तूने छोड़ा भी उसी मोड़ पर,
जहाँ दुआएं भी हार गईं मेरे जज़्बातों के सामने।
29.
तू कहता था – ‘तेरे बिना रह नहीं सकता’,
अब देख, तेरे बिना ही जी रहा है।
हम अब भी उसी मोड़ पर खड़े हैं,
जहाँ तूने कहा था – ‘अभी आता हूँ।’
👉 क्या कभी किसी ने आपको इस तरह अधूरा छोड़ दिया? तो कमेंट में ‘💔’ छोड़ देना… मैं समझ सकता हूँ।
30.
तेरे चेहरे की तासीर कुछ और ही थी,
वो अब भी नींदों में उतर आती है।
हमने सबकुछ भुला दिया तेरे लिए,
बस तू ही हमें हर रोज़ भूल जाता है।
31.
वो जो कभी मेरी आँखों में बसा था,
अब किसी और की नज़रों में खो गया।
जिसे पाना ज़िन्दगी का ख्वाब था,
वो मेरी हकीकत से दूर हो गया।
32.
तेरी यादों में खुद को बुनते-बुनते,
हमने अपनी पहचान ही खो दी।
अब आईना भी पूछता है ये सवाल,
‘क्या तुम वही हो, जो कभी हँसते थे?’
33.
तेरे पीछे भागते रहे उम्र भर,
तू ठहरा नहीं, हम रुके नहीं।
अब थक गए हैं तेरे ख्याल से भी,
क्योंकि अब ख़ुद से ही मोहब्बत नहीं।
34.
हर आहट पर तेरा नाम पुकारा,
हर साए में तेरा अक्स ढूँढा।
कभी ज़िन्दा था तेरे प्यार में,
अब तुझसे ज़िंदा बचने की कोशिश है।
35.
तू अब किसी और की बाँहों में होगा,
और मैं तुझमें ही उलझा रह गया।
मुझे छोड़ कर तू आगे बढ़ गया,
मैं तेरी यादों में ठहरा रह गया।
👉 क्या आपने भी किसी को अपनी यादों में ही रोक लिया? नीचे एक लाइन लिखो – “कुछ रिश्ते लौटकर नहीं आते…”
36.
तेरे झूठ इतने मीठे थे,
कि सच को पहचान ही नहीं पाया।
तू हर रोज़ दूर जाता रहा,
और मैं हर रोज़ तुझमें डूबता रहा।
37.
हमारा नाम जुड़ा था तेरे नाम से,
अब हर पहचान में तू ही छुपा है।
तेरी ख़ामोशी ने जो कहा,
वो अब हर बात से गहरा लगा है।
38.
तू वो गलती थी, जिसे मैंने बार-बार चाहा,
जिसे दिल ने छोड़ा ही नहीं।
अब जब होश आया तो जाना,
कि इश्क़ कभी समझदारी नहीं होता।
39.
तेरा जाना दर्द दे गया इतना,
कि अब लौटने की बात भी डराती है।
हमने जिस दिल में तुझे बसा लिया था,
अब वहीं तन्हाई अपनी जड़ें जमाती है।
40.
तेरे बिना तो ज़िन्दगी चल रही है,
पर हर दिन खुद को मनाना पड़ता है।
तेरी आदत अब भी बाकी है मुझमें,
पर अब वो आदत निभाना छोड़ दिया है।
41.
तू बसा था लहज़े में मेरे,
अब ख़ामोशियों में भी तेरा ज़िक्र है।
जिसे भूलना चाहा हजार बार,
वो आज भी दिल के सबसे पास है।
42.
उसकी हँसी मेरी ज़िन्दगी थी,
अब मेरी हर खुशी अधूरी लगती है।
जिसे खुदा से भी ज्यादा माना,
वो आज मुझे गैर समझती है।
43.
तू गया ऐसे जैसे कभी था ही नहीं,
तेरी यादों को भी अब डर लगने लगा।
हमने जिन्हें बचा कर रखा दिल में,
वो अब दर्द से खुद ही भागने लगे।
44.
जिसने कभी कहा था ‘कभी दूर न होंगे’,
आज उसी ने रास्ते अलग कर लिए।
हम पूछते रहे वजह बार-बार,
वो मुस्कराकर खामोश हो गया।
45.
तेरी चुप्पी भी बहुत कुछ कह गई,
मेरी चीख भी तुझ तक ना पहुंची।
हम दोनों ने ही इश्क़ किया था,
पर निभाया सिर्फ मैंने।
46.
तेरे बिना भी तन्हा नहीं थे हम,
बस तेरी यादों ने जीने न दिया।
तू चाहे न चाहे अब,
पर ये दिल अब भी तुझमें ही धड़कता है।
47.
तू जब पास था, तब भी दूर था,
अब तो हद ही हो गई फ़ासलों की।
जिसे हर साँस में महसूस किया,
अब वही नाम अधूरा सा लगता है।
48.
जिसे भुलाने की कसम खाई थी,
अब उसी के ख्वाबों में जी रहे हैं।
कभी जो दर्द से डरते थे,
अब उसी दर्द को दुआ मान बैठे हैं।
49.
तू कहता था ‘मैं हर दर्द बाँट लूँगा’,
पर तेरा ही नाम अब सबसे बड़ा दर्द है।
जिसे चाहा खुद से ज़्यादा,
अब उसी को भूलना सबसे मुश्किल है।
50.
तेरी हर बात में जो सुकून था,
अब तेरे नाम में ही बेचैनी है।
कभी जो तेरी साँसों का हिस्सा थे हम,
अब तेरी यादों में भी पराया सा लगता है।
51.
जिसे दिन-रात अपना समझते थे,
आज उसी के नाम से डर लगता है।
तेरा नाम लूँ तो आँखें भीग जाती हैं,
क्योंकि अब वो नाम मेरा नहीं रहा।
52.
कभी बात-बात पर हँसा करते थे,
अब हर बात पर रोना आता है।
तेरे होने का एहसास कुछ और था,
तेरे ना होने का दर्द कुछ और है।
53.
तू याद आता है, जब भी खुद से मिलते हैं,
क्योंकि तू ही तो था हमारी पहचान में।
अब हर आइना भी पराया लगता है,
तेरे जाने के बाद खुद को खो दिया हमने।
54.
तेरी यादों ने साँसें रोक ली हैं,
अब धड़कनों में नाम तेरा ही गूंजता है।
कभी जो राहत था तू मेरी ज़िन्दगी में,
आज वही बेचैनी बन कर रहता है।
👉 क्या आपकी धड़कनों में भी किसी का नाम अब तक बसा हुआ है? तो एक बार उसकी याद में ‘💭’ भेज दो…
55.
जिसे चाहा वो अपना न हुआ,
जिसे पाया वो सपना न हुआ।
ज़िन्दगी यूँ ही बीत गई तलाश में,
मगर मुक़द्दर अपना न हुआ।
56.
तेरा हर झूठ भी सच लगता था मुझे,
क्योंकि इश्क़ अंधा बना गया था।
अब समझ आया – जो तू कहता था,
वो तुझसे ज़्यादा किसी और के लिए था।
57.
जब तू था तो हर ग़म छोटा लगता था,
अब तो हर लम्हा पहाड़ जैसा भारी है।
तू चला गया ऐसे खामोशी से,
कि अब खुद की आवाज़ भी अजनबी लगती है।
58.
तेरे जाने के बाद बहुत कुछ बदला है,
पर अब भी दिल तुझसे ही जुड़ा है।
लोग कहते हैं ‘तू भुला दे उसे’,
पर ये दिल अब किसी और पे खुला ही नहीं है।
59.
जिसे अपनी सांसों में जगह दी थी,
वो अब दिल से भी निकल गया।
अब साँसें चल रही हैं बस यूँ ही,
वरना जीने का कोई कारण नहीं रहा।
60.
तेरी मोहब्बत का कर्ज़ अब भी बाकी है,
तेरी बेवफ़ाई ने तो बस शुरुआत की थी।
अब हर रिश्ता अधूरा लगता है,
क्योंकि तू अब भी कहीं बाकी है।
👉 क्या आप अब भी किसी अधूरी मोहब्बत के कर्ज़दार हो? एक शब्द में जवाब दो – “हाँ” या “नहीं”…
61.
तू जब था तो सब कुछ था,
अब सब कुछ है मगर तू नहीं है।
हर चीज़ में तेरी झलक मिलती है,
मगर तुझ-सा कोई नहीं है।
62.
तेरा नाम भी अब लेने से डरता हूँ,
कहीं फिर से टूट न जाऊँ।
जिसे जोड़ने में सालों लगे थे,
उसे तुमने एक लम्हे में मिटा दिया।
63.
कभी तेरे ख्यालों में सुकून था,
अब वही ख्याल नींदें उड़ा ले जाते हैं।
तेरी यादें अब भी रुलाती हैं,
जिनसे कभी मुस्कुराया करते थे।
64.
तू जो पास होता था तो सब रंगीन लगता था,
अब हर रंग भी फीका लगता है।
तेरे जाने से जो खालीपन आया है,
उसे कोई और भर नहीं सकता।
65.
जिसे देखा था हर ख्वाब में,
आज उसी को देखने से डर लगता है।
कभी जो ज़िन्दगी की वजह था,
आज उसकी यादों से जान निकलती है।
66.
तेरा जाना सिर्फ तुझसे जुदाई नहीं था,
वो मेरी आत्मा का बिखर जाना था।
अब खुद से बात करने में भी डर लगता है,
क्योंकि कहीं फिर तेरा नाम न निकल जाए।
67.
कभी तुझसे बात करना मेरा सुख था,
अब तुझे भूलने की कोशिश ही सजा है।
दिल अब भी वहीं है जहाँ तू छोड़ गया था,
बस मैं समय के साथ आगे बढ़ने का नाटक कर रहा हूँ।
68.
तेरे वादों का बोझ आज भी उठाता हूँ,
हर दिन उन्हीं झूठों को सच मानता हूँ।
तू कहीं और होगा किसी और के साथ,
और मैं अब भी तुझमें खोया हूँ।
69.
तेरी मोहब्बत ने हमें बर्बाद कर दिया,
पर तुझसे नफरत भी नहीं कर पाए।
हर चोट के पीछे तेरा नाम था,
और हर मरहम भी बस तुझे ही पुकारता रहा।
70.
तेरा नाम अब भी लबों पर आता है,
तेरे बिना ये लब हँस नहीं पाते।
जिसे दुनिया कहते हैं सुकून की जगह,
हमने तुझे ही सबकुछ मान लिया था।
👉 कभी ऐसा लगा कि पूरी दुनिया एक इंसान में सिमट गई हो? तो बस लिखो – “हां, और वो आज भी याद आता है…”
71.
तेरे साथ चलना मेरी आदत थी,
तेरे बिना चलना मजबूरी बन गई।
अब रास्तों से डर नहीं लगता,
बस मंज़िलों में तेरा नाम नहीं होता।
72.
तू कहता था – ‘हमेशा के लिए रहूंगा’,
पर तू तो वक्त से भी जल्दी चला गया।
अब घड़ी की हर टिक-टिक में,
तेरी जुदाई की आवाज़ सुनाई देती है।
73.
जिस दिन तू गया, कुछ मर सा गया था,
अब जो बचा है, वो सिर्फ साँसें हैं।
तेरी यादें अब भी ज़िन्दा हैं,
पर मेरी खुशी अब कहीं नहीं।
74.
हर किसी से तेरा नाम नहीं लेता,
क्योंकि लोग तुझे भुला चुके हैं।
पर जो तेरे बिना जी रहे हैं,
वो बस ज़िन्दा लाश की तरह हैं।
75.
तेरे बिना सब अधूरा लगता है,
पर तेरे साथ सब झूठा लगता था।
अब मैं बीच में कहीं फँसा हूँ,
जहाँ ना तुझसे दूर हो पाता हूँ, ना पास।
76.
तेरे बाद किसी को चाहने की हिम्मत नहीं बची,
क्योंकि दिल अब भी तुझमें ही उलझा है।
तेरी बेवफ़ाई को दिल से निकाला तो है,
पर वो अब भी रगों में बहती है।
77.
जब वो पास था, तब भी अकेला था,
अब तो दूर जाकर भी हर पल साथ है।
जिसे खोया नहीं, उसे पाया भी नहीं,
इसी अधूरेपन का नाम मोहब्बत है।
78.
दिल ने कहा था वो मेरी है,
दिमाग ने समझाया कि नहीं।
पर जब वो चली गई,
तब दोनों ही खामोश हो गए।
79.
तू आज भी वही है – बेपरवाह, बेखबर,
और मैं आज भी वही – तुझसे टूटा, मगर तुझसे ही जुड़ा।
तेरे बिना जीना सीख लिया है,
पर हर साँस अब भी तेरे नाम की है।
80.
वो कहते थे – तुम हमारी जान हो,
आज जान से भी दूर कर दिया।
जिस प्यार में हमने खुद को मिटा दिया,
उसी प्यार ने हमें खत्म कर दिया।
81.
तेरी यादें अब दर्द नहीं देती,
क्योंकि अब मैं खुद दर्द बन चुका हूँ।
हर रिश्ते में तुझे ढूंढता हूँ,
पर तेरे जैसा कोई मिला ही नहीं।
82.
वो हँसी, वो बात, सब याद आता है,
तेरे साथ बिताया हर लम्हा तड़पाता है।
जो तस्वीरें कभी सुकून देती थीं,
अब वही रातों की नींदें चुरा लेती हैं।
83.
तू कहती थी ‘हमेशा साथ रहेंगे’,
पर शायद ‘हमेशा’ की भी कोई एक्सपायरी होती है।
अब तुझसे नफ़रत भी करूं तो कैसे,
तू तो मेरी आदत बन चुकी थी।
84.
तेरे जाने के बाद कोई मुस्कराहट सच्ची नहीं लगी,
क्योंकि वो मुस्कान तू लाया करता था।
अब तो आईना भी झूठ बोलता है,
क्योंकि उसमें भी वो चेहरा नहीं दिखता।
85.
जिनसे उम्मीद होती है वही सबसे गहरी चोट देते हैं,
क्योंकि हम उन्हें अपना मान बैठते हैं।
अब सीख लिया है – ज़रूरत से ज़्यादा मोहब्बत करना,
खुद को खो देने जैसा होता है।
👉 क्या आपको भी किसी “अपने” ने सबसे ज़्यादा तकलीफ़ दी है? एक बार लिखो – “हां, वही तो सबसे बड़ा दर्द था…”
86.
उसके बिना जीना सीखा तो लिया,
पर अब जीने में मज़ा नहीं आता।
जिसके बिना रहना मुश्किल था,
अब उसके बिना ही सारी ज़िन्दगी बीत रही है।
87.
तेरी खामोशी ने सब कुछ कह दिया,
तेरी निगाहों ने मेरा हाल बयाँ किया।
तू कुछ बोले बिना चला गया,
और मैं सबकुछ समझकर भी कुछ ना कह सका।
88.
कभी तुमसे बात करना मेरी राहत थी,
अब वही बात याद आती है तो आँसू बहते हैं।
तू क्या गया, ज़िन्दगी की रौशनी भी ले गया,
अब हर दिन बस एक अंधेरा लगता है।
89.
मोहब्बत अधूरी रह जाए तो दर्द देती है,
और पूरी हो जाए तो आदत बन जाती है।
तू तो दोनों ही बन गया था,
और मैं आज भी वहीं हूँ – अधूरा और आदी।
90.
तेरी कसम खाकर आज भी जी रहा हूँ,
जिसे तूने शायद कभी माना ही नहीं।
अब तुझसे शिकायत भी नहीं,
क्योंकि तू था ही नहीं, बस मेरी गलतफहमी थी।
91.
तेरे लिए तो बस एक नाम था,
मेरे लिए पूरी कायनात।
तू जिसे ‘वक्त’ कहकर चला गया,
वो मेरे लिए ‘ज़िन्दगी’ थी।
92.
जो तेरे साथ था वो वक़्त हसीन था,
अब हर लम्हा वीरान लगता है।
तेरे बिना जो जी रहे हैं,
वो ज़िन्दा हैं, मगर जी नहीं रहे।
93.
तेरे चेहरे पर मुस्कान देखी थी कभी,
अब वो भी ख्वाब लगती है।
तेरे बिना जो दर्द पाया है,
वो अब दवा भी नहीं चाहता।
94.
तेरा नाम अब भी दुआओं में आता है,
तेरे लिए ही अब तक सब्र है।
तू मेरी तसव्वुर में ज़िंदा है,
पर हकीकत में अब तुझसे कोई रिश्ता नहीं।
95.
जब तेरे पास था, खुद को मुकम्मल मानता था,
अब खुद से भी बेगाना सा लगता हूँ।
तेरे जाने के बाद हर रिश्ता अधूरा है,
क्योंकि तेरे जैसा कोई दूसरा नहीं।
96.
तू मेरी कहानी की शुरुआत था,
अब मेरी तन्हाई की आख़िरी वजह है।
कभी जो लफ्ज़ों में बयां नहीं हो पाया,
वो अब अश्कों में बह जाता है।
97.
तेरी हँसी अब भी ज़हन में है,
पर वो चेहरा अब किसी और का है।
हमने तुझे दिल से चाहा था,
और तूने हमें वक़्त की तरह गुजार दिया।
98.
तू जब से गया, हर चीज़ बदली है,
सिवाय इस दिल के जो अब भी तुझमें अटका है।
कभी जो अपने थे, आज अजनबी हैं,
तेरे साथ सब कुछ चला गया।
99.
तेरा नाम अब भी दिल से निकलता नहीं,
भले ही तू अब किसी और का हो।
जिसने हर रात मुझे रुलाया,
उसे आज भी दुआ देता हूँ।
100.
तेरी कमी को अब तक कोई भर नहीं सका,
तू आज भी मेरी अधूरी दुआ बनकर जी रहा है।
अब इस इश्क़ में कुछ बाकी नहीं बचा,
बस तेरी यादें हैं और मेरी तन्हाई।