- 🖤 100 दर्द भरी सैड शायरी | Dard Bhari Sad Shayari in Hindi | 4 लाइन वाली शायरी
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💔 टूटे दिल की शायरी
1. दिल के शीशे को ना समझो पत्थर की दीवार,
एक खरोंच भी कर देगी बेमौत लाचार।
मोहब्बत से नहीं डरता ये दिल,
पर धोखे से अब हो गया है बीमार।
2. टूट कर चाहा था तुझे,
और तूने ही तोड़ दिया।
अब किसी और से क्या शिकवा करूँ,
जब अपना ही दिल तोड़ गया।
3. ख्वाब बनकर आया था तू,
हकीकत बनकर चला गया।
अब तन्हाई ही साथी है,
क्योंकि तू दिल से जुदा गया।
4. किस्मत ने हमें कभी मिलाया नहीं,
दिल ने मगर तुझसे रिश्ता निभाया सही।
तेरा होना न होना अब फर्क नहीं करता,
क्योंकि तू सिर्फ नाम का था, वजूद कहीं नहीं।
5. मोहब्बत में वफा ढूंढते रहे,
मगर मिला सिर्फ दर्द का समंदर।
अब हर मुस्कान के पीछे एक अफ़सोस है,
कि क्यों तुझे दिल दिया बेअसर।
6. ना शिकवा रहा, ना शिकायत तुझसे,
बस खुद से ही नाराज़ हूँ।
क्यों तुझे इतना चाहा,
जब जानता था कि तू मेरे लिए नहीं बना।
7. तेरी यादों की चुभन आज भी बाकी है,
उस बेवफा की महक अब भी साथी है।
तू गया तो सब कुछ ले गया,
बस तन्हाई ही मेरी साथी है।
8. जिस दिल ने तुझसे सच्ची मोहब्बत की,
तूने उसी को सबसे ज्यादा रुलाया।
अब उस दिल में कोई और जगह नहीं,
क्योंकि तूने उसे पूरी तरह से जलाया।
9. प्यार की दास्ताँ लिखनी चाही थी,
मगर आंसुओं से पन्ने भीग गए।
हर अल्फाज़ में तेरा ज़िक्र था,
पर अब सब किस्से अधूरे रह गए।
10. दिल अब किसी पर ऐतबार नहीं करता,
हर चेहरा झूठा नज़र आता है।
तूने जो दर्द दिया,
वो अब हर रिश्ते में डर बनकर आता है।
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😔 तन्हाई और अकेलेपन की शायरी (Loneliness Sad Shayari)
11. अकेले ही चल पड़ा था ज़िंदगी की राह पर,
लोग तो बस तन्हा कहकर गुजरते गए।
पर क्या कोई समझ सका उस दिल को,
जो खुद को हर रोज़ जोड़ता रहा, टूटते हुए।
12. ये जो रातें हैं ना,
बहुत कुछ कह जाती हैं।
तन्हाई में बैठकर,
मेरी आँखें चुपचाप बह जाती हैं।
13. जब कोई नहीं होता पास,
तब तन्हाई भी सुकून देती है।
पर जब कोई दिल तोड़ जाए,
तब वही तन्हाई दर्द देती है।
14. आज फिर से उस मोड़ पर खड़ा हूँ,
जहाँ कभी तेरा इंतजार किया करता था।
अब बस खुद को ही समझा रहा हूँ,
कि तू था ही नहीं मेरा।
15. भीड़ में भी खुद को तन्हा पाया,
जिसको चाहा वही समझ न पाया।
अब तो खुद से ही मिलने को जी करता है,
शायद मैं ही खुद को अब समझ पाऊं।
16. रातें तो खामोश होती हैं,
पर तन्हाई बहुत कुछ कहती है।
हर सन्नाटा चीख चीख कर,
तेरी यादों को जगाती है।
17. ना कोई मिलने आता है,
ना कोई हाल पूछता है।
अब तो दिल ने भी मान लिया,
कि अकेलापन ही मेरा हमदर्द है।
18. तन्हा दिल को अब तसल्ली सी है,
कि कोई धोखा देने वाला नहीं।
जो गया वो अच्छा ही हुआ,
कम से कम तन्हाई सच्ची तो है।
19. अकेलेपन का आलम कुछ यूँ है,
कि अब अपने साये से भी डर लगता है।
जब भी तेरी यादें आती हैं,
दिल एक बार फिर टूट सा जाता है।
20. ये जो तन्हाई है ना,
ये सबसे वफादार निकली।
सब चले गए,
पर ये अब भी मेरे साथ है।
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🖤 Sad Shayari | दर्द भरी सैड शायरी
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😢 अधूरी मोहब्बत की शायरी (Unrequited Love Shayari)
21. अधूरी मोहब्बत का ग़म भी अजीब होता है,
हर खुशी में एक साया सा होता है।
जिसको पाकर भी ना पा सके हम,
वो दिल के सबसे करीब होता है।
22. ना उसके पास जा सकते हैं,
ना उसे भुला सकते हैं।
ये अधूरी मोहब्बत भी क्या चीज़ है,
जीते हैं पर मरते हैं।
23. उसने मुस्कुरा कर देख लिया था,
और हम दिल हार बैठे थे।
क्या खबर थी उसकी हँसी,
हमारी ज़िंदगी का सबसे बड़ा धोखा निकलेगी।
24. अधूरा इश्क ही तो सबसे खूबसूरत होता है,
क्योंकि उसमें कोई शिकायत नहीं होती।
बस दिल ही दिल में उसे चाहना होता है,
और रातों को चुपके से रोना होता है।
25. एक वक्त था जब वो सब कुछ था,
और आज सब कुछ होकर भी वो नहीं है।
वो एक नाम जो आज भी रुला जाता है,
क्योंकि अधूरा है, फिर भी दिल के पास है।
26. उसने वादा किया था साथ निभाने का,
और छोड़ गया बीच रास्ते।
अब सवाल यह नहीं कि क्यों गया,
सवाल है कि झूठ क्यों बोला।
27. वो जो कहता था “हमेशा रहेंगे”,
आज गुमनाम हो गया।
उसकी हर बात झूठ निकली,
और हमारा भरोसा बदनाम हो गया।
28. मोहब्बत अधूरी थी, मगर सच्ची थी,
उसका हर झूठ भी हमें प्यारा लगता था।
अब सोचते हैं, क्या गलती थी हमारी,
जो उस बेवफा को खुदा बना लिया।
29. उसने मुझे खोया,
या मैंने खुद को पा लिया —
ये सोच सोचकर आज भी,
आंखें नम हो जाती हैं।
30. अब किसी और की बाहों में वो मुस्कुराता है,
और मैं उस मुस्कान की दुआ करता हूँ।
यही तो सच्चा इश्क है शायद,
कि तन्हा रहकर भी उसे याद करता हूँ।
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💔 दर्द-ए-जुदाई शायरी (Separation Sad Shayari)
31. बिछड़ना आसान नहीं होता,
जब मोहब्बत सच्ची होती है।
वो तो चला गया चुपचाप,
पर मेरी रूह आज भी उसी के पास होती है।
32. जुदाई के मौसम ने रुला दिया है,
तेरे बिना हर लम्हा सजा दिया है।
जो साथ था वो छूट गया,
और जो बचा वो तन्हा कर गया।
33. अब तो आदत सी हो गई है,
हर रोज़ तुझे याद करने की।
तन्हा रहकर भी जीने की,
और खुद से ही लड़ने की।
34. तेरे जाने के बाद भी,
हम तुझे अपने साथ पाते हैं।
क्योंकि जिस्म से तो गया है तू,
मगर यादों से कैसे मिटाएंगे?
35. जुदा होकर भी तू दिल के पास है,
हर साँस में तेरा एहसास है।
माना तू साथ नहीं आज,
फिर भी तू ही मेरी सबसे खास है।
36. लोग कहते हैं वक़्त सब ठीक कर देता है,
पर मेरा वक़्त तो वहीं रुक गया जब तू गया।
अब ना दिन अच्छा लगता है,
और ना ही रात सुकून देती है।
37. बिछड़ कर भी तुझसे मोहब्बत बाकी है,
ये दिल अब भी तुझी से वफा करता है।
तुझसे मिलना तो मुमकिन नहीं,
पर तुझे सोचना रोज़ की आदत है।
38. तू चला गया तो क्या हुआ,
तेरी यादें तो अब भी पास हैं।
मैं तन्हा हूँ इस भीड़ में,
पर तुझसे भरी हर साँस है।
39. तेरी हर बात अब भी याद आती है,
और हर बात दिल को चीर जाती है।
जुदा हो गए फिर भी,
तेरी मोहब्बत ना जाने क्यों आज भी सताती है।
40. मोहब्बत तुझसे थी,
इसलिए तुझसे दूर जाना मंजूर नहीं था।
मगर तू खुश रहे इस सोच में,
तुझे छोड़ देना मजबूर हुआ।
🥀 धोखा और बेवफाई की शायरी (Betrayal Shayari)
41. उसने कहा था कभी ना छोड़ेंगे,
और आज सबसे पहले वही चला गया।
मोहब्बत की सजा क्या होती है,
ये हमने उससे बिछड़कर जाना।
42. बेवफाई उसकी आदत थी,
और मोहब्बत हमारी कमजोरी।
अब समझ आया कि सच्चे लोग,
अक्सर झूठे के हाथों हार जाते हैं।
43. दिल से निभाई थी मोहब्बत हमने,
और उसने खेल समझ लिया।
अब सवाल ही नहीं बचा वफा का,
क्योंकि उसने भरोसा ही खत्म कर दिया।
44. वो कहता था सच्चा प्यार कभी खत्म नहीं होता,
पर खुद ही झूठा निकला।
अब तुझसे नहीं,
मोहब्बत से डर लगता है।
45. तूने हर मोड़ पर मुझे आजमाया,
और मैंने हर बार तुझे अपनाया।
अब जब छोड़कर चला गया तू,
तो खुद से भी नफरत सी हो गई।
46. बेवफा लोग ही मोहब्बत की कसमें खाते हैं,
और फिर छोड़ जाते हैं।
जो साथ निभाए बिना जाए,
वही तो असली धोखा देता है।
47. तुझे चाहा था रूह से,
और तूने रूह को ही रौंद दिया।
अब ना ख्वाब हैं, ना कोई उम्मीद,
बस एक टूटे दिल की सिसकी है।
48. तेरा झूठ हर रोज़ सच से भारी था,
और हम हर रोज़ बेवकूफ बनते रहे।
अब हँसी आती है खुद पर,
कि हमने तुझसे वफा की उम्मीद की थी।
49. तेरे इश्क में खुद को खो दिया,
और तूने मुझे ही भुला दिया।
अब ना तुझसे मोहब्बत बची,
और ना खुद से लगाव।
50. तेरे बाद अब किसी पर भरोसा नहीं,
क्योंकि तूने ही मेरी मासूमियत छीन ली।
अब रिश्तों से डर लगता है,
और मोहब्बत से नफरत सी हो गई।
😞 आत्ममंथन और दर्द की गहराई (Self-Pain Shayari)
51. हर मुस्कान के पीछे एक कहानी है,
जो आँसुओं से शुरू होती है।
और हर तन्हाई के पीछे एक शख्स है,
जो अब हमारे पास नहीं होता।
52. ना कोई शिकायत है तुझसे,
और ना ही कोई इल्ज़ाम।
बस एक दिल है,
जो तुझसे बिछड़कर आज भी तन्हा है।
53. मैं अब हँसता हूँ,
पर दिल अंदर से टूटा हुआ है।
लोग चेहरे को पढ़ नहीं सकते,
और दिल की जुबां कोई सुनता नहीं।
54. वो दर्द ही क्या जो आँखों से बह जाए,
असली दर्द तो रूह तक चला जाए।
जिसे कोई देख ना सके,
बस वही तो सच्चा ग़म कहलाए।
55. इस दुनिया में सबसे मुश्किल काम है,
खुद को हँसते हुए दर्द छुपाना।
क्योंकि जब दिल ही टूट गया हो,
तो दुनिया के लिए मुस्कुराना भारी पड़ता है।
56. अब किसी को खोने का डर नहीं,
क्योंकि जिसे चाहा वो ही चला गया।
अब जो रह गया है वो बस मैं हूँ,
और मेरी टूटी हुई खामोशी।
57. जब दिल ही टूट गया,
तो अब उम्मीद क्या रखना।
अब ना किसी का इंतज़ार है,
और ना किसी से कोई वास्ता।
58. खुद को भी अब समझ नहीं पाता,
कि मैं जी रहा हूँ या मर चुका हूँ।
क्योंकि ज़िंदगी अब बस चल रही है,
बिना किसी मकसद, बिना किसी चाह के।
59. मुझे खोकर वो भी कहाँ खुश है,
और मैं तो पहले ही बर्बाद था।
बस फर्क इतना है,
कि अब दिल को तन्हाई की आदत हो गई।
60. हर रिश्ता अब बोझ सा लगता है,
हर मुस्कान झूठी सी लगती है।
जब दिल ही थक गया
हो ज़िंदगी से,
तो सांसें भी सज़ा लगती हैं।
💔 दर्द भरी सैड शायरी (Sad Shayari in Hindi – Final Part)
61. अब किसी से कुछ कहने का मन नहीं करता,
क्योंकि हर कोई सुनकर भी अनसुना कर देता है।
दर्द जब हद से गुजर जाता है,
तो इंसान खामोश हो जाता है।
62. दिल की आवाज़ अब सुनाई नहीं देती,
वो किसी के झूठ में डूब चुकी है।
अब कोई रिश्ता पास नहीं आता,
क्योंकि खुद से ही दूरी बन चुकी है।
63. ना जाने कितनी बार खुद को समेटा है,
जब जब दिल किसी अपने से टूटा है।
अब हर मुस्कान में छुपा है एक राज़,
कि कैसे हम रोज़ थोड़ा थोड़ा मरते हैं।
64. रात की तन्हाई में एक सन्नाटा है,
जो हर रोज़ तेरे बिना रोता है।
अब आदत सी हो गई है,
बिना बात आँसू बहाने की।
65. हम वो लोग हैं,
जो टूटकर भी मुस्कुराते हैं।
किसी को महसूस ना हो इसलिए,
अपने ज़ख्म छुपाते हैं।
66. अब तो दिल भी पूछता है,
कि क्या तू वाकई जिंदा है?
क्योंकि धड़कनों में अब वो बात नहीं,
जो तेरे साथ होती थी।
67. तेरे बिना सब अधूरा लगता है,
जैसे कोई अधूरी दुआ रह गई हो।
अब जीना भी ज़रूरी है,
बस वजह तू नहीं रही।
68. वो जो अंदर से मर चुका हो,
उसे क्या फर्क पड़ता है किसी के आने-जाने से।
अब तो जीने की औपचारिकता निभा रहा हूँ,
वरना खुद से कब का रिश्ता तोड़ चुका हूँ।
69. हर रोज़ खुद से एक लड़ाई होती है,
खुद को संभालने की सज़ा मिलती है।
कोई नहीं देखता अंदर का तूफान,
सबको तो सिर्फ हँसी चाहिए।
70. आईना भी अब मुझसे सवाल करता है,
“कब तक खुद से झूठ बोलेगा?”
और मैं बस मुस्कुरा कर कहता हूँ,
“जब तक दिल टूटता रहेगा।”
🥀 खामोशी, इंतजार और गुमनाम इश्क की शायरी (Ultimate Sad Shayari)
71. तेरे नाम की खुशबू से आज भी दिल महकता है,
मगर तू अब किसी और का हो चुका है।
हम तो वहीं ठहर गए जहां तूने छोड़ा था,
और तू आगे निकल गया बेफिक्री से।
72. इंतजार की हद कर दी मैंने,
पर तू आया ही नहीं।
शायद तुझे मेरी तड़प महसूस नहीं हुई,
या फिर तुझे फर्क ही नहीं पड़ा।
73. ना तेरा कोई कसूर था,
ना मेरा कोई गुनाह।
बस वक़्त ही बुरा था,
जो हमें मिला कर भी जुदा कर गया।
74. दिल करता है तुझसे फिर से बात करूं,
पर अब डर लगता है तन्हाई से भी ज्यादा।
क्योंकि फिर से टूट जाने का डर,
अब हर अहसास पर भारी है।
75. तू नहीं तो सब अधूरा लगता है,
जैसे चाँद बिना रात,
जैसे सांस बिना जीवन,
जैसे नाम बिना पहचान।
76. तू मेरा नहीं हो सका,
और मैं किसी और का हो नहीं पाया।
अब मोहब्बत सिर्फ एक किस्सा है,
जो दिल में दफ्न हो गया।
77. आज भी तेरा नाम लिखते हैं,
पर आंसुओं से मिट जाता है।
मोहब्बत थी, है, और रहेगी,
चाहे तू अब कभी लौटे या नहीं।
78. जब जब तन्हाई बढ़ती है,
तेरी यादें मुझे घेर लेती हैं।
और मैं फिर से उसी मोड़ पर आ जाता हूँ,
जहाँ तू मुझे छोड़ गया था।
79. लोग पूछते हैं कैसे हो,
और मैं मुस्कुरा देता हूँ।
उन्हें क्या पता,
कि मैं कब का टूट चुका हूँ।
80. खामोशियों में भी एक शोर होता है,
जब कोई दिल से जुदा हो जाता है।
हम भी अब उसी शोर में जीते हैं,
जहां कोई हमारी सिसकी नहीं सुनता।
🖤 सच्चे इश्क़ का गुमनाम अंत (Last Set of Shayari)
81. ना कोई शिकवा, ना कोई शिकायत,
बस एक अधूरी कहानी रह गई।
मोहब्बत तो मुकम्मल थी,
बस तू कहानी से चला गया।
82. वो मेरी साँसों में बसा था,
अब यादों में सिसकता है।
जो मेरा सब कुछ था,
अब गैर बनकर जीता है।
83. इश्क़ में सच्चाई थी,
पर शायद वक़्त गलत था।
मैं तुझसे वफा चाहता था,
और तुझे आज़ादी प्यारी थी।
84. आज भी सोचता हूँ,
क्या कमी रह गई मुझमें?
जो तुझे कोई और अच्छा लगने लगा,
और मैं तन्हा रह गया।
85. जब तुझसे मोहब्बत की थी,
तब खुद को भूल गया था।
और अब जब तू चला गया,
तब खुद से मिल भी नहीं पा रहा हूँ।
86. तेरा जाना मेरी किस्मत में था,
पर तुझसे प्यार मेरी चाहत थी।
अब किसे दोष दूँ इस टूटे दिल का,
जब तू ही सब कुछ था।
87. अब मोहब्बत नहीं करनी,
क्योंकि अब दिल टूटा हुआ है।
और टूटे हुए दिल से,
ना दुआ निकलती है ना मोहब्बत।
88. मैं अब भी वही हूँ,
जो तुझसे सच्चा प्यार करता था।
फर्क बस इतना है,
अब वो प्यार खुद से करता है।
89. मोहब्बत जब दिल तोड़ती है,
तो इंसान हँसना भूल जाता है।
और जब भरोसा टूटता है,
तो फिर जुड़ना नामुमकिन हो जाता है।
90. आज भी तेरा नाम सुनकर,
दिल की धड़कन रुक जाती है।
पर अब तुझसे नहीं,
खुद से प्यार करने की ज़रूरत है।
91. वो जो हर रोज़ याद आता है,
अब अजनबी सा लगता है।
और मैं जिसे जानता था सबसे ज्यादा,
अब उसे पहचान नहीं पाता।
92. हर किसी को मोहब्बत नसीब नहीं होती,
और जिसे होती है वो सजा बन जाती है।
हम भी उसी सज़ा के शिकार हैं,
जो बेवफा के हाथों लिखा गया।
93. अब मोहब्बत से डर लगता है,
क्योंकि इश्क़ की जगह दर्द मिलता है।
वफा की जगह धोखा मिलता है,
और अपने पराए बन जाते हैं।
94. तेरे बिना जीना सीख तो लिया है,
पर ज़िंदा रहना अब भी भारी है।
क्योंकि तू ही था जीने की वजह,
अब वजह ही चली गई।
95. तू हँसी था मेरी, तू ही दर्द भी,
अब तेरे बिना सब अधूरा है।
जो रिश्ता कभी दिल से था,
अब वो याद बनकर रह गया।
96. मोहब्बत करने की खता कर ली,
और तुझ पर ऐतबार कर लिया।
अब ना दिल है, ना भरोसा,
क्योंकि दोनों तूने तोड़ दिए।
97. तेरा नाम था दिल पर,
और तूने उसे मिटा दिया।
अब हर धड़कन सिर्फ खामोश है,
जैसे किसी तूफान के बाद सन्नाटा।
98. यादें जब आती हैं,
तो आँसू रोकना मुश्किल हो जाता है।
और तेरी तस्वीर देखकर,
फिर से सब याद आ जाता है।
99. तू जो गया,
तो सब कुछ साथ ले गया।
अब तन्हा हूँ,
और तन्हाई ही मेरा घर बन गई।
100. सच्चा प्यार ना जाने क्यों अधूरा रह जाता है,
और झूठा इश्क़ मंज़िल पा लेता है।
पर हम जैसे लोग आज भी तन्हा हैं,
जो वफा में ही बर्बाद हो जाते हैं।